ईरान न्यूक्लियर मेडिसिन सोसाइटी के बोर्ड सदस्य डॉ. रमज़ान अहदी ने खुलासा किया है कि ईरान अब डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट में रेडियोफार्मास्यूटिकल्स के उपयोग के मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल है।
“ईरान मेड 2025” प्रदर्शनी के दौरान बातचीत में उन्होंने बताया कि रेडियोफार्मास्यूटिकल दवाएं आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में अहम भूमिका निभा रही हैं। इनके ज़रिए बीमारियों की पहचान अब पहले से कहीं अधिक सटीक हो गई है और इलाज तेज़, सुरक्षित और कम हानिकारक हुआ है।
डॉ. अहदी के अनुसार, ईरान ने इन दवाओं के स्थानीय उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है, और वर्तमान में देशभर के लगभग 400 मेडिकल सेंटर घरेलू स्तर पर बनी रेडियोफार्मास्यूटिकल दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि न्यूक्लियर मेडिसिन का यह क्षेत्र आज दुनिया में सबसे तेज़ी से विकसित होने वाले चिकित्सा क्षेत्रों में से एक बन चुका है।
यह उपलब्धि ईरान की चिकित्सा और वैज्ञानिक प्रगति का एक बड़ा संकेत मानी जा रही है। देश ने न केवल इन दवाओं के उत्पादन में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल की है, बल्कि अब सैकड़ों अस्पतालों और मेडिकल सेंटरों में इन्हें रोगों की पहचान और उपचार के लिए सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है।
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